Monday, June 1, 2020

 डिमेंशिया (मनोभ्रंश )क्या होता है


डिमेंशिया मानसिक कमजोरी मैं आती  है  !  इसमें सोचने समझने और याद रखने की क्षमता कम हो जाती है !

डिमेंशिया से परेशान व्यक्ति समाज में एक साथ बैठने व बात करने की क्षमता को खो देता है ! वह एक दूसरे से वार्तालाप करने की क्षमता भी उसके अंदर नहीं रहती है  ! कोई सामान को रखकर भूल जाता है और दिनचर्या के जो उसके रोजमर्रा के जो काम होते हैं  !उसको भी वह ठीक ढंग से नहीं कर पाता है ! उसके मन में हमेशा बना रहता है कि यह काम मैंने किया है या नहीं किया इसी में वह उलझा रह जाता है !

इस बीमारी की शुरुआत ज्यादा चिंता तनाव व डिप्रेशन से शुरू होती है और धीरे-धीरे यह बढ़ती चली जाती है  !
ज्यादातर लोगों को 30 से 35 साल के बाद इस बीमारी की शुरुआत होती है और ऐसा नहीं है किसका इलाज किया जाए तो यह ठीक नहीं होती इलाज करने पर आराम भी आ जाता है और रोगी व्यक्ति बिल्कुल स्वस्थ हो जाता है ।

इस बीमारी में कई लोगों को नींद से संबंधित समस्याएं तंग करती हैं !व मन में हमेशा वहम बना हुआ रहता है ! जिसे भ्रम रोग बोलते हैं !

इस बीमारी में कई बीमारियों के लक्षण मौजूद होते हैं 

 कई लोग जो डिमेंशिया की बीमारी से परेशान होते हैं  ! उनका  नर्वस सिस्टम ठीक ढंग से काम नहीं करता है ! जिसके कारण वह अपनी एक्टिवा स्कूटर मोटरसाइकिल ठीक ढंग से नहीं चला पाते हैं !वह खुद भी ठीक ढंग से चल फिर नहीं पाते अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर पाते हैं ! हर काम को करते समय लड़खड़ाते रहते हैं !व शरीर में कंपन महसूस करते रहते हैं !

इस बीमारी की शुरुआत में व्यक्ति सिर्फ चिंता रखता है ! मगर जैसे-जैसे इसकी बीमारी की स्टेज बढ़ती जाती है ! वैसे वैसे वह डिप्रेशन उसका बढ़ने लग जाता है और उसका नर्वस सिस्टम इतना कमजोर हो जाता है कि वह अपने रोजमर्रा का काम भी ठीक ढंग से नहीं कर पाता हमेशा तनाव में रहता है और वहम बना रहता है और जो भी कोई कामकाज करता है  ! तो उसमें वह लड़खड़ाता है या कंपन महसूस करता है  ! वह उस काम को ठीक ढंग से नहीं कर पाता है  !कई बार तो वो इतना परेशान हो जाता कि ठीक ढंग से बैठने चलने फिरने से भी लाचार हो जाता है !

इस बीमारी से परेशान कई लोग ऐसे भी होते हैं !
जो आपसे बात करते समय आपकी बातों को ठीक ढंग से समझ नहीं पाते और और आपकी बातों को उसका ठीक ढंग से उत्तर भी नहीं दे पाते हैं ! मतलब इसमें भाषा को बोलने व समझने की क्षमता भी कम होती चली जाती है !

डिमेंशिया (भूलने की बीमारी व मनोभ्रंश )रोग के लक्षण  है।



ज्यादातर लोगों में भूलने (याददाश्त) की समस्या ज्यादा रहती है !अगर आपने ऐसे लोगों को कोई काम कह दिया तो बार-बार भूल कर आपसे बार-बार वह काम को दोबारा दोबारा पूछते रहेंगे।

भूलने की समस्या तो इतनी बढ़ जाती है कि वह अपना फोन नंबर अपना घर का पता अपने रिश्तेदारों का नाम तक भूल जाते हैं।

बहुत से लोगों में सोचने समझने की क्षमता कम होती चली जाती है !जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती जाती है ! वह आपकी बात को सुनकर उसका उत्तर देने में असमर्थ हो जाते हैं । उनकी सोचने समझने की क्षमता को खोती चली जाती हैं।

बहुत से लोगों में कामकाज करने की क्षमता भी खत्म होती चली जाती है ! क्योंकि वह अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर पाते जैसे खाना बनाना साइकिल चलाना एक्टिवा मोटरसाइकिल चलाना ठीक ढंग से अपना रोजाना का  काम होता है उसे भी वह ठीक ढंग से नहीं कर पाते हैं।

ऐसे लोगों की कई बार तो इतनी समस्या बढ़ जाती है ! कि वह कहीं काम पर जा रहे होते हैं!  तो उन्हें पता नहीं चलता कि वह काम क्या करने जा रहे हैं कहां से आए हैं कहां जाना है।

उनका मूड भी कई बार अच्छा होता है ! कई बार एकदम से खराब हो जाता है ! मूड( व्यवहार) जिसे बोलते हैं व्यवहार बार-बार बदलता रहता है पैसे लेनदेन की समस्या रहती है किस से कितने लेने हैं किसको  कितने देने हैं।

कई व्यक्ति तो ऐसे होते हैं जो बार-बार किसी सामान को कहीं रखकर भूल जाते हैं।
व्यवहार में कभी खुश होंगे कभी चिड़चिड़ापन कभी अचानक एकदम गुस्सा हो जाएंगे।


 डिमेंशिया मनोभ्रंश होने के कारण


डिमेंशिया ज्यादातर होने का कारण इसमें यह पाया जाता है ! कि मस्तिष्क के ऊपरी परत से जुड़ा हुआ सेरेब्रल कोरटेक्स होता है  !जो हमारी सोचने समझने व भाषा को बोलने और विचारों को व्यक्त करने के लिए उत्तरदाई होता है मगर कई कारणों से उसमें जब गड़बड़ी उत्पन्न हो जाती है ! तब डिमेंशिया( मनोभ्रंश या भूलने) की बीमारी की शुरुआत होने का कारण बन जाता है ।

 ज्यादातर लोगों को ज्यादा चिंता रखने व ज्यादा दिनों तक टेंशन में रहने के कारण दिमाग में उत्पन्न होने वाले जो रसायनों जिसे हम केमिकल्स कहते हैं ! उनमें असंतुलन हो जाता है जिसके कारण डिमेंशिया( मनोभ्रंश) रोग उत्पन्न हो जाता है।

बहुत से लोगों को देखा जाता है कि नशीली चीजों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं ।

 कुछ लोग शरीर में पोषण पहुंचाने वाली वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करते जिससे शरीर में पोषण की कमी हो जाने के कारण डिमेंशिया की बीमारी हो जाती है ।

कई लोगों के हार्मोनस  के असंतुलन के कारण हो जाती है ।
कई लोगों को देखा जाता है कि थायराइड की बीमारी या मेनिनजाइटिस  रोग, या सिफलिस रोग के संक्रमण के कारण भी डिमेंशिया की शिकायत हो जाती है।

कई लोगों को सिर में चोट लगने व सिर में कोई गांठ उत्पन्न होने के कारण भी डिमेंशिया (मनोभ्रंश )रोग की शिकायत हो जाती है।

बहुत से लोगों को देखा जाता है कि ज्यादा चाय कॉफी या बाजार की तली फली ज्यादा चीजें खाने की वजह से पेट में गर्मी उत्पन्न होती है !और वही गर्मी खून में मिलकर सिर तक पहुंचती है जिसे खराब खून या खराब ऑक्सीजन युक्त खून कहते हैं  ! जिसके कारण से डिमेंशिया रोग उत्पन्न हो जाता है।

कई लोगों के लिवर, आंतों ,अग्नाशय व गुर्दों में खराबी उत्पन्न होने के कारण रक्त में मौजूद रसायनों में असंतुलन हो जाता है और वही असंतुलित रक्त जब दिमाग तक पहुंचता है तो दिमाग में मौजूद रसायनों में भी असंतुलन पैदा करके डिमेंशिया रोग को उत्पन्न करने का कारण बनता है।

कई लोगों को मस्तिष्क में कई कारणों से असामान्य मात्रा में प्रोटीन जमा हो जाता है  ! जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं काम नहीं कर पाती और और नष्ट होने लग जाती हैं जिससे डिमेंशिया रोग को उत्पन्न करने का कारण बनती  हैं ।
कई लोगों को शुगर के कारण हाई बीपी के कारण या कोलेस्ट्रोल ज्यादा रहने के कारण भी  नसे नाड़ियों में रुकावट उत्पन्न हो जाती है ! जिसके कारण डिमेंशिया (मनोभ्रंश )रोग उत्पन्न हो जाता है !

 बहुत से लोगों का खान-पान व रहन-सहन गलत होने के कारण उनका वात पित्त कफ दोष असंतुलित हो जाता है और यही दोष मस्तिष्क मैं जाकर रज और तम प्रकृति को असंतुलित दोष में बदल देता है और डिमेंशिया मनोभ्रंश रोग को उत्पन्न करने का कारण बन जाता है।

 डिमेंशिया से पीड़ित रोगियों के लिए फायदेमंद खान-पान व रहन-सहन


हरी साग सब्जियों का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए !
 अंकुरित मूंग का इस्तेमाल ज्यादा करना चाहिए !
भीगे हुए बादाम या भीगी हुई अखरोट या भीगे हुए छुहारे का इस्तेमाल ज्यादा फायदेमंद होता है !
मौसम अनुसार जो फल आते हैं वह उन फलों का रस इस्तेमाल करना उनके लिए फायदेमंद होता है !
हरी साग सब्जियां जो मौसम के अनुसार आती है उनका इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है !

भोजन के साथ सलाद का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है!

                         

 हरी साग सब्जियों का सूप बनाकर पीना भी बहुत फायदेमंद होता है! गाय का दूध गर्म करके पीना काफी ज्यादा फायदेमंद साबित होता है !
मछली खाना फायदेमंद होता है बदाम का तेल नाक में डालकर खींचना फायदेमंद होता है।
व्यायाम करना बहुत फायदेमंद होता है विराम अपनी रुचि के अनुसार कर सकते हैं जैसे साइकिल चलाना पैदल चलना दौड़ लगाना योगा करना या कसरत करना जो भी आपको पसंद हो आप उसे करके लाभ उठा सकते है।
रोजाना रात को 7:00 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी होता है
पानी 1 दिन में 8 से 9 गिलास पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है।


डिमेंशिया से पीड़ित रोगियों के लिए परहेज


चिंता व तनाव से दूर रहना अच्छा है !
चाय कॉफी पीना
 बाजार की तली हुई चीजों का इस्तेमाल मत करें !
 नशीली चीजें जैसे धतूरा भांग सुल्फा शराब बीड़ी सिगरेट तंबाकू का इस्तेमाल मत करें !

बाजार का ताला खुला खाना नुकसानदायक हो सकता है !
तेज मिर्च मसाला खाना ज्यादा नमक खाना ज्यादा मीठा खाना इस बीमारी में नुकसानदायक होता है  !
     

डिमेंशिया (मनोभ्रंश )रोगी का उपचार

घरेलू उपचार

खरबूजा 50 ग्राम खीरा 50 ग्राम ककड़ी 50 ग्राम  तरबूज के बीज  50 ग्राम  अलसी के बीज 50 ग्राम लेने है दालचीनी 50 ग्राम इन सभी को लेकर  पीस कर पाउडर बनाकर सुबह शाम एक चम्मच पाउडर  को खाना खाने के 1 घंटे बाद गर्म गाय के दूध के साथ या गर्म पानी के साथ प्रयोग करने से डिमेंशिया मनोभ्रंश की बीमारी में बहुत फायदेमंद साबित होता है !

 आयुर्वेदिक उपचार


सतावर 50 ग्राम अश्वगंधा 50 ग्राम ब्राह्मी घास 50 ग्राम गुड बच 50 ग्राम इन सभी को लाकर पीसकर पाउडर बना लें इनका बना हुआ पाउडर एक चम्मच सुबह-शाम गर्म पानी या गाय के गर्म दूध के साथ भोजन के 1 घंटे बाद प्रयोग करने से डिमेंशिया (मनोभ्रंश) रोग ठीक हो जाता है

रेडीमेड आयुर्वेदिक उपचार


ब्रह्मी घृता एक चम्मच सुबह-शाम भोजन के 1 घंटे बाद गाय के दूध के साथ प्रयोग करने से डिमेंशिया (मनोभ्रंश )रोग ठीक होता है

इस बीमारी में कुछ लोगों की बीमारी जड़ से ठीक हो जाते हैं परंतु कुछ लोगों  को  उम्र भर दवाई खानी ही पड़ती है।
           

                                 धन्यवाद   

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