Wednesday, May 20, 2020


रागी के फायदे

रागी को नचनी-मरुआ, मंडुआ के नाम से भी जाना जाता है।
रागी के अंदर बहुत सारे ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो हमारे शरीर की बीमारी को दूर करने और हमें स्वस्थ बनाए रखने में हमारी मदद करते हैंI और रागी अनाज में गिना जाता है। रागी की तासीर गर्म होती हैI
रागी दो प्रकार की होती है। काली सफेदI


मात्रा 20 से 30 ग्राम  एक समय में प्रयोग कर सकते हैं।

खाने का सही तरीका :
इसको भूनकर दलिया पीसकर आटे के रूप में प्रयोग अच्छा माना जाता है।

खाने का सही समय:
वैसे तो इसे तीनों समय प्रयोग किया जा सकता है। मगर ज्यादातर लोग इसका प्रयोग सुबह नाश्ते में क्या करते हैं।
बहुत से लोग राखी को और गेहूं को और बाजरा मिक्स करके प्रयोग करते हैं।

रागी बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल में लाभकारी
रागी का प्रयोग भोजन में करने से बड़े हुए खराब कोलेस्ट्रोल को कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है जिससे लकवा दिल के दौरे जैसी समस्या का खतरा नहीं होता हैI

रागी करता है डायबिटीज को कंट्रोल
रागी में पॉलीफेनॉल और फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है। जिससे ग्लूकोज का स्तर बढ़ता  नहीं है। ऐसे में गेहूं काले चने और रागी को बराबर मात्रा में पीस  कर  के रोटी के रूप में प्रयोग करने से लाभ होता हैI

रागी दिलाए चिंता तनाव से छुटकारा
रागी में अमीनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। जिससे रागी को भोजन के रूप में प्रयोग करने से मस्तिष्क को ताकतवर बनाता है। और चिंता अनिद्रा  सिर दर्द और डिप्रेशन आदि रोगों में लाभ मिलता है।

रागी करता है माइग्रेन की बीमारी को दूर।
रागी का प्रयोग दलिया वैरोटी के रूप में प्रयोग करने से आधे सिर की नसों में होने वाली सूजन और कमजोरी को दूर करता है जिससे सिर दर्द माइग्रेन जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

रागी दिलाए कब्ज से छुटकारा।
रागी में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है। जिससे है पाचन शक्ति को बढ़ाता है। और भोजन में अन्य अनाज के साथ इस को मिलाकर प्रयोग करने से कब्ज को हमेशा के लिए दूर करने में मदद करता है।

रागी करता है वजन घटाने में मदद
रागी में ट्रिपटोफन एमिनो एसिड होने से यह भूख को कम करता है। और कमजोरी भी नहीं आने देता है। ऐसे में रागी का दलिया सुबह-शाम भोजन की जगह प्रयोग करने से पेट भी भरा हुआ रहता है और वजन भी कम होता जाता है।

रागी करता है हड्डियों का विकास और बनाता है उन्हें ताकतवर।
रागी में कैल्शियम विटामिन डी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इससे भोजन में रागी का प्रयोग करने से दांत हड्डियों को ताकत मिलती है। इससे बच्चों की हड्डियों का विकास होता है जिससे उनकी हाइट बढ़ने में मदद मिलती है।

रागी होता है एनीमिया में लाभकारी।
रागी में लौह तत्व की अच्छी मात्रा पाई जाती है। जिन लोगों के शरीर में खून की कमी हो जाती है अगर इसे वह भोजन में दलिया या रोटी के रूप में प्रयोग करते हैं तो शरीर में होने वाली खून की कमी दूर हो जाती है।

रागी रोकता है उच्च रक्तचाप को
राजू शरीर की नसों में लचीलापन लाता है और उन्हें ताकतवर बनाए रखता है। जिससे नसों पर तनाव पढ़ने से बीपी हाई नहीं होता है ऐसे में भोजन में रागी का प्रयोग करने से उच्च रक्तचाप को ठीक रखा जा सकता है।

रागी बनाए रखें त्वचा को हमेशा
मेथीयोनिन लाइसिन जैसे अमीनो एसिड कैल्शियम और विटामिन डी 3 अच्छी मात्रा में होने के कारण रागी का प्रयोग अन्य अनाज में मिलाकर करने से यह त्वचा पर झुर्रियों को नहीं पड़ने देता है और त्वचा को सुंदर बनाए रखता है।

रागी होता है बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं के लिए फायदेमंद।
रागी में लोहा अमीनो एसिड कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसलिए दलिया वह रोटी के रूप में प्रयोग करने से बच्चे को दूध पिलाने वाली माताओं के दूध की मात्रा को बढ़ाता है और मां और बच्चे दोनों को पोषण देता हैI

रागी का दलिया बच्चों के लिए पोस्टिक आहार
रागी में कैल्शियम और लौह तत्व अच्छी मात्रा में पाया जाता है जिससे बच्चों की हड्डियां दांत मजबूत रहते हैं और पेट का पाचन ठीक रहता है और शरीर में खून की कमी भी नहीं होती और शरीर स्वस्थ रहता है। ऐसे में बच्चों को रागी का दलिया देना फायदेमंद होता हैI

रागी देता है बार बार मुंह सूखना प्यास लगने से छुटकारा I
सुबह खाली पेट रागी की कांजी का प्रयोग करने से बार-बार प्यास लगना मुंह सूखने से छुटकारा मिलता है।

कमजोरी में रागी का प्रयोग फायदेमंद I
रागी में कैल्शियम विटामिंस अन्य पोषक तत्व होने के कारण 1 दिन में एक बार बलिए के रूप में प्रयोग करने से शरीर में बनी हुई कमजोरी दूर होती है।

बढे हुए  कफ दोष को करता है दूर I
रागी का प्रयोग दलिया या रोटी के रूप में करने से बड़ा हुआ कफ दोष ठीक होकर कफ प्रकृति में में बदल जाता है।

मूत्र रोग मूत्र जलन संक्रमण में लाभकारी है I
नाश्ते में राखी का दलिया या रोटी के रूप में प्रयोग करने से मूत्राशय संक्रमण मूत्र संक्रमण मूत्र में जलन दूर होकर मूत्र खुलकर आता है।

रागी लाभकारी होता है सिलीएक रोग में I
जो लोग लेस युक्त आहार का प्रयोग करने से पेट गैस, पेट दर्द, आंत्र क्रीमी , सूजन, जी मिचलना,  वजन घटना, कमजोरी, जोड़ों में दर्द, चिड़चिड़ापन से परेशान रहते हैं,  वह लोग रागी का दलिया या रोटी के रूप में प्रयोग करते हैं तो लाभ मिलता है ।

नुकसान :
पित्तदोष जिनका बढ़ा हुआ है या पित्त प्रकृति वालों के लिए रागी नुकसानदायक हो सकता है।

जिन लोगों को गुर्दे में पथरी की शिकायत होती है, उन्हें रागी के प्रयोग से बचना चाहिए।



No comments:

Post a Comment