Dengue
डेंगू क्या
होता है
?
डेंगू बुखार को ब्रेक बोन फीवर व् हड्डी तोर बुखार के नाम से भी जाना जाता है ।
डेंगू बुखार को ब्रेक बोन फीवर व् हड्डी तोर बुखार के नाम से भी जाना जाता है ।
मौसम थोड़ा
ठंडा हो
जाता है
उस मौसम
में डेंगू
वायरस फैलता
है ।
जब इस
वायरस प्रजाति
का मच्छर
संक्रमित होता
है और
मच्छर किसी
स्वस्थ ब्यक्ति
को काटता
है
तब स्वस्थ
व्यक्ति भी
संक्रमित हो
जाता है
।
इस मच्छर
का संक्रमण
काल एक
से सात
दिनों का
होता है।
इन्ही एक
से सात
दिनो में
व्यक्ति के
खून में
यह वयरस
फ़ैल जाता
है और
डेंगू बुखार
हो जाता
है
डेंगू बुखार
के लक्षण
अचानक बहुत तेज बुखार , शरीर का तापमान 102 डिग्री से 106 डिग्री हो जाता है।
अचानक बहुत तेज बुखार , शरीर का तापमान 102 डिग्री से 106 डिग्री हो जाता है।
सिर में
दर्द होना
, माँसपेशिओ और
जोड़ो में
दर्द होना,
त्वचा पर
चेचक जैसे
लाल चकत्ते
व
उल्टी होना,शरीर का रक्तचाप कम होना ,शरीर
का ठंडा
होना।
जब खून
में प्लेटलेटस की गिनती की कमी जरुरत
से ज्याद
हो जाती
है
तो मुख
व् नाक
मूत्र मार्ग
और गुर्दा
मार्ग से
खून पतला
हो के
बहने लगता
है
डेंगू बुखार
के कुछ
कारण
इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण है –
इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण है –
एडीज आएजेप्टी प्रजाति
के मछर
से डेंगू
वायरस फैलता
है।
इससे व्यक्ति
की रोग
प्रतिरोध प्रणाली
क्षमता कमजोर
होती है,
जिससे व्यक्ति
डेंगू वयरस
से संक्रमित हो जाता है।
यह एक
व्यक्ति से
दूसरे व्यक्ति
में नहीं
होता है।
यह मच्छर
के काटने
से होता
है।
बचाव
एडीज आएजेप्टी प्रजाति का मच्छर एक जगह जहाँ रुका हुआ पानी होता है वही पनपता है।
एडीज आएजेप्टी प्रजाति का मच्छर एक जगह जहाँ रुका हुआ पानी होता है वही पनपता है।
जैसे –
गमले में
रुका हुआ
पानी ,
जमीन पर
रुका हुआ
पानी,
बाल्टी में
भरा हुआ
पानी,
कूलर में
रुका हुआ
पानी ।
जहां तक
हो सके
पानी को
रुका हुआ
मत रहने
दे ,
यदि उस
पानी को
नहीं हटा
सकते तो
चूना , ब्लीचिंग पाऊडर
या मिट्टी
का तेल
डाल दे।
जिससे की
मच्छर के
लार्वा न
पनप सके।
प्रयोग में
लाने वाला
पानी ढक
के रखे
पूरे बाजू
का कपड़ा
पहने जब
डेंगू का
संक्रमण फ़ैल
रहा हो
तब जूता
व जुराब
डाल कर
रहे।
इन दिनों
शरीर पर
सरसों के
तेल की
मालिश कर
के रखे
ताकि मच्छरों
के काटने
से संक्रमण
न हो,
तेज गंध
वाले परफ्यूम
न लगाये
,
बाजार का
खाना व
तेज मिर्च
– मसाले
का सेवन
ना करे।
डेंगू बुखार
में क्या
खाना फायदेमंद है
सब्जिओं में
अदरक ,लहसुन ,हरी साग- सब्जी का सूप
अदरक ,लहसुन ,हरी साग- सब्जी का सूप
फलो में
पपीता , कच्चा या पका हुआ किवी ,संतरा ,नारियल पानी ,अनार ,अनानास ,मौसमी , अमरुद ,सीताफल
पपीता , कच्चा या पका हुआ किवी ,संतरा ,नारियल पानी ,अनार ,अनानास ,मौसमी , अमरुद ,सीताफल
मौसम अनुसार
फलों के
रस का
सेवन करे।
अनाज में
दलिया ,पतली खिचड़ी का प्रयोग करे।
दलिया ,पतली खिचड़ी का प्रयोग करे।
दाल में
मूंग की दाल का सेवन करे।
मूंग की दाल का सेवन करे।
दूध में
बकरी के दूध का अधिक से अधिक सेवन करने से प्लेटलेटस की गिनती बढ़ जाती है जिससे डेंगू वायरस ख़त्म हो जाता है।
बकरी के दूध का अधिक से अधिक सेवन करने से प्लेटलेटस की गिनती बढ़ जाती है जिससे डेंगू वायरस ख़त्म हो जाता है।
ग्लुकोज़ पानी
का भी
प्रयोग करे।
घरेलू उपचार
नीम के पत्तों को धो ले और सिलबट्टा या मिक्सी में पीस कर कपड़े से छान कर रस निकाल ले इसका एक चम्मच रस ले और ,गिलोय को ले कर उसे कूट ले कपड़े से छान कर रस निकाल ले और दो चम्मच रस एक कटोरी में ले के रख ले ,
नीम के पत्तों को धो ले और सिलबट्टा या मिक्सी में पीस कर कपड़े से छान कर रस निकाल ले इसका एक चम्मच रस ले और ,गिलोय को ले कर उसे कूट ले कपड़े से छान कर रस निकाल ले और दो चम्मच रस एक कटोरी में ले के रख ले ,
अब इन
दोनों रसों
को एक
कटोरी में
मिलाकर रख
ले।
जरुरत अनुसार
शहद या
देसी खाण्ड
या कालपी
मिश्री ( धागे
वाली मिश्री
) मिला कर
प्रयोग करे।
बच्चों के
लिए आधे
या पूरे
चम्मच का
प्रयोग करे।
दिन में
तीन घंटे
पर इसका
सेवन करें।
इसके सेवन
से डेंगू
बुखार खत्म
हो जाता
है और
प्लेटलेटस के
स्तर में
वृद्धि होनी
शुरू हो
जाती है
जिससे व्यक्ति
जल्दी स्वस्थ
हो जाता
है।
आयुर्वेदिक उपचार
चिरायता नेपाली ,आधा चम्मच गिलोय पॉउडर और पपीता का पत्ता दस इंच का ले के कूट ले इन सभी को एक कप पानी में डाल कर पका ले जब पानी आधा कप बच जाए तो नीचे उतार ले फिर ठंडा होने दे।
चिरायता नेपाली ,आधा चम्मच गिलोय पॉउडर और पपीता का पत्ता दस इंच का ले के कूट ले इन सभी को एक कप पानी में डाल कर पका ले जब पानी आधा कप बच जाए तो नीचे उतार ले फिर ठंडा होने दे।
इस के
बाद कपड़े
से छान
कर एक
दिन में
हर तीन
घंटे पर
इस दवा
का सेवन
करे जरुरत
अनुसार कुछ
मीठा मिला
ले,उम्र
के अनुसार
इसकी मात्रा
को कम
कर सकते
है।
दवाघरों में
मिलने वाली
औषधी
प्लेटलेट्स केयर टेबलेट
प्लेटलेट्स केयर टेबलेट
इस टेबलेट
में नुस्खे
के तौर
पर गिलोय
का रस,
पपीता के
पत्तो का
रस, बकरी
का दूध
सूखा मिला
हुआ रहता
है
इस गोली
का प्रयोग
हर तीन
घंटे पर
कर सकते
है इस
के साथ
ही महासुदर्शन घनवटी
की भी
एक गोली
हर तीन
घंटे पर
ले |
ताकि आप
का डेंगू
बुखार जड़
से ख़त्म
हो जाए
|
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