Tuesday, May 5, 2020

किडनी की बीमारी


TREATMENT OF KIDNEY

किडनी की बीमारी

किडनी हमारी पीछे साइड पसली के नीचे दोनों साइड तरफ एक-एक होती है |
इनका काम होता है खून में अपशिष्ट पदार्थ को खत्म करना |
किडनी में दस लाख फिल्टर जिसे छलनी नलियों द्वारा खून की अवशेष पदार्थों को ठीक किया जाता है|
किडनी में आई खराबी का पता जल्दी नहीं चलता लक्षण इसका तब पता चलता है | जब इसके आधे से ज्यादा अंग खराब हो जाती है|

किडनी में कई प्रकार के रोग होते हैं जैसे

किडनी में इन्फेक्शन ,किडनी का ठीक से काम नही कर पाना ,किडनी का फेल हो जाना, किडनी का कम काम करना या काम करना बंद कर देना |
किडनी में पापड़ी का होना
किडनी कृचेटी 9 का बढ़ जाना, ब्लड में यूरिया का बढ़ना ,किडनी में सूजन का होना | किडनी में इनफेक्शन मवाद बनना,
किडनी पर गाद बनना , यूटीआई इनफेक्शन का बार बार होना ,
किडनी का सिकुड़ जाना या किडनी का फैल जाना, किडनी में कैंसर का होना
बुखार की दवा ज्यादा लेने के कारण किडनी का खराब होना |
जन्म से ही व्यक्ति में एक ही किडनी का होना पेशाब में खून का आना |
जब किडनी खराब हो जाती है तो रोगी को हफ्ते में एक बार या कभी-कभी दो या तीन बार डायलिसिस कराना पड़ता है|

किडनी के बीमारी के लक्षण

त्वचा में खुजली होना, त्वचा का रूखापन होना ,त्वचा पर काले भूरे धब्बे होना ,
त्वचा पर पापुरी के परत हटना ,ब्लड प्रेशर का हाई रहना,
मांसपेशियों में दर्द रहना, शरीर में ऐसा लगना जैसे हमेशा बुखार है,
टखनों में, पैरों में ,मुंह पर सूजन होना, व्यक्ति को जरा सा चलने फिरने में सांस फूल जाना ,पेट में बार बार इन्फेक्शन के कारण दस्त लगना, आंखों के नीचे हाथों पर पैरों पर सूजन रहना,
शरीर में थकावट रहना ,मुंह का स्वाद खराब रहना, बदबू रहना, भूख कम लगना शरीर का वजन कम होते जाना, पेशाब की मात्रा किसी रोगी को कम
किसी रोगी को ज्यादा आना,
पेट में पानी जमा हो जाना, जिससे जलोदर रोग होना ,खून की कमी होना बार-बार शरीर में सेक्स करने की क्षमता खत्म होना या नामर्दी आना, जी मिचलाना, उल्टी आना सिर में दर्द हमेशा रहना या मानसिक कमजोरी आना ,पेशाब में बदबू युक्त आना या पेशाब में गंध लापन आना या पेशाब में प्रोटीन का आना |

किडनी की बीमारी क्यों होती है

गुर्दे खून में मौजूद अवशिष्ट द्रव को शरीर बाहर निकाल देता है | मगर कई कारणों से किडनी अपना काम ठीक से नहीं कर पाती है| तो खून में मौजूद अपशिष्ट द्रव्य शरीर में जमा होने लगता है ,और शरीर में मौजूद रसायनों में असंतुलन हो जाता है | जिसे शरीर में किडनी के खराब होने के लक्षण नजर आने लगते हैं |

किडनी की बीमारी होने के कारण

शुगर का कंट्रोल में ना रख पाना ,बीपी को कंट्रोल में ना रख पाना, सिगरेट दारू नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करना, कोल्ड्रिंक का ज्यादा प्रयोग करना,
चाय कॉफी का ज्यादा सेवन करना,
दवा का साइड इफेक्ट जैसे एंटीबायोटिक को पीरियड का ज्यादा दिनों तक प्रयोग करना | मोटापा ज्यादा रहना , लिवर की खराबी या सिरोसिस लिवर का होना,
हृदय रोग के कारण भी दिल की बीमारी हो जाती है|
बीमारी का पारिवारिक इतिहास का मिलना पेशाब के वेग को रोकना, पुरुषों के प्रॉस्टेट ग्लैंड गध का बढ़ना, केमिकल युक्त धोएं के आसपास रहना |
कलर सेंट या केमिकल युक्त सेंट सॉफ्ट ड्रिंक का पीना मलेरिया या ज्यादा दिनों तक बुखार की दवा का सेवन करना |

घरेलू उपचार

एक कांच की कटोरी में सफेद या लाल प्याज का रस 6 चम्मच ,लहसुन 2 कली का रस डालें नींबू का रस 6 चम्मच डालें, मूली का रस 6 चम्मच डालें ,शहद एक चम्मच मिलाकर प्रयोग करें | इस विधि से दिन में दो बार खाना खाने के बाद प्रयोग कर सकते हैं | जिन्हें शुगर है प्रयोग ना करें वे वैसे ही रस का सेवन करें |

आयुर्वेदिक उपचार

चिरायता नेपाली 50 ग्राम ,पुनर्विवाह शादी जल 50 ग्राम, गोखुर बड़ा 50 ग्राम ,इन सभी को पीसकर छान के पाउडर बनाकर रख लें | इस का बना हुआ पाउडर गुनगुना पानी के साथ सुबह शाम खाने बाद एक चम्मच भोजन के बाद ले | जो व्यक्ति पाउडर नहीं खा सकते वह व्यक्ति इनका बना पाउडर एक चम्मच लेकर एक कप पानी में डालकर उबालें आधा कप पानी बच जाए तब उसे छानकर जरूरत अनुसार मीठा मिलाकर या वैसे ही भोजन के बाद दिन में दो बार प्रयोग करें |

रेडीमेड औषधि

गौकसुर अदि गुगलु गोली सुबह ,दो गोली दोपहर, दो गोली रात

किडनी की बीमारी में परहेज

ब्लड प्रेसर , शुगर को कंट्रोल रखें, मीठा ज्यादा प्रयोग ना करें ,कोल्ड्रिंक, टेंशन ,पालक टमाटर, बैगन ,सभी प्रकार की दालें, मीट, अंडे का पीला भाग, ज्यादा नमक ,
बाजारू खाना, वसायुक्त भोजन, धूम्रपान शराब ,आलू , अचार, लाल चावल,
डिब्बा बंद पदार्थ ,खजूर केला , मक्खन, मलाई ,दही लस्सी,
पनीर या दूध से बने अन्य पदार्थ इसमें खाना मना है |

फायदेमंद

पानी उचित मात्रा में पिए, व्यायाम रोज करें, फलों का रस हरी सब्जी का प्रयोग ज्यादा करें, घर का खाना खाएं ,प्याज, सेव ,जैतून का तेल ,अंडे का सफेद वाला भाग,
भूनी मछली, फुल गोभी ,पत्ता गोभी और लहसुन ,मूली ,मूली के पत्ते फायदेमंद हैं|
अस्वीकरण
इस साइट पर उपलब्ध सभी जानकारी और लेख केवल सलाह के लिए है | जहां पर दी गई जानकारी का उपयोग स्वस्थ संबंधी समस्या या बीमारी के लिए निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह कि नहीं लेना चाहिए |



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