Tuesday, May 5, 2020

अलसी के फायदे (Flaxseed)


Benefits Of Flaxseed (Alsi)

अलसी के फायदे

अलसी को फ्लैक्सीड और कई शहरों में तीसी के नाम से जाना जाता है| लैटिन भाषा में लीनियस के नाम से जाना जाता है|
बल कारक शरीर में कमजोरी है आने से जब हम इसका इस्तेमाल करते हैं तब यह शरीर को ताकत प्रदान करता है इसलिए यह बल कारक कहा जाता है|

स्नेहन

जब शरीर में कई कारणों से खुश्की या सूखापन जाता है| जैसे कि अंतड़ियों में त्वचा में आधी तब इसका इस्तेमाल करने से यह शरीर में चिकनाहट प्रदान करता है|
जिससे शरीर ठीक ढंग से काम करने लगता है इसका उपयोग आर्युवेद में स्नेहन के लिए खाने और मालिश करने के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है|

वेदना हर

वात दोष शरीर में बढ़ जाने के कारण वातज विकार उत्पन्न हो जाते हैं जिसके कारण शरीर के जोड़ों में हड्डियों में, मांसपेशियों में ,नसों में दर्द , अकड़न जाती है|
इसको खत्म करने के लिए अलसी का उपयोग बहुत लाभकारी होता है |

हृदय रोग

दिल की नसों धमनियों में ब्लॉकेज उत्पन्न हो जाती है तब रोगी को घबराहट बेचैनी सांस फूलना छाती में दर्द होता है | इस रोग में उपचार के रूप में अलसी का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि इसमें ओमेगा-3 और फैटी एसिड होता है | जो नसों और धमनी की ब्लॉकेज को खोल देता है | जिससे रोगी बिल्कुल स्वस्थ हो जाता है |

सूजन नाशक

शरीर के किसी हिस्से में आए सूजन को खत्म करने के लिए इसका खाने और लेप करना बहुत लाभकारी होता है बढा हुए बुरे कोलेस्ट्रॉल को घटाने में इसका इस्तेमाल बहुत लाभकारी होता है | इसमें मौजूद ओमेगा-3 और फैटी एसिड बर्थडे हुए बुरे कोलेस्ट्रॉल को ठीक करता है |

मीनोपॉज

मीनोपॉज की समस्या समय से पहले आजकल के खान-पान और रहन-सहन के कारण जाती है | इसको ठीक करने के लिए अलसी लाभकारी है | सीओडी होलिस्टिक ओर एंडीज महिलाओं के हार्मोन में असंतुलन के कारण डिंब ग्रंथि के ऊपर पानी की गाड़ी उत्पन्न हो जाती है | जिससे महिला का मासिक धर्म कम हो जाता है या बंद हो जाता है | उसे ठीक करने के लिए पीसीओडी बहुत ही ज्यादा लाभकारी है |

खांसी नाशक

श्वास नली या फेफड़ों में कफ जमा होने के कारण या संक्रमण के कारण खांसी तंग करती है | इसके इस्तेमाल से जमा कफ पिघल कर खत्म हो जाता है और खांसी जड़ से खत्म हो जाती है

वसायुक्त लीवर को ठीक करने वाला

गलत खान-पान रहन-सहन मोटापे या ज्यादा शराब के इस्तेमाल करने से लीवर वसायुक्त हो जाता है| जिससे पेट का पाचन खराब हो जाता है | पेट में दर्द की शिकायत हमेशा बनी रहती है| वसायुक्त लिवर को ठीक करने के लिए इसका इस्तेमाल लाभकारी होता है |

मोटापा नाशक

आजकल खान-पान और रहन-सहन के कारण या अनुवांशिकी कारण से शरीर में चर्बी या मोटापा वृद्धि हो जाती है | जिससे खत्म करने के लिए व्यायाम का कम खाना या उपवास करते हैं | इससे मोटापा में कमी नहीं होती मगर कमजोरी जाती है | यदि हम इसके उपचार में अलसी का इस्तेमाल करें तो इसमें पाए जाने पर जाने वाले विटामिन बी और ओमेगा 3 फैटी एसिड के कारण मोटापा भी खत्म हो जाएगा और शरीर की कमजोरी भी नहीं आएगी

वेरीकोसिल नाशक

वेरीकोसिल में रोगी के अण्डकोष की नसों के वाल्व खराब हो जाने के कारण खून का दौरा नीचे की ओर होता है | मगर वह ऊपर की ओर नहीं जा पाता और रोगी के अण्डकोष में दर्द अंडकोष का छोटा बड़ा होना लटकना वह नि संतान होना नामर्दी जाती है | इन सभी बीमारी को खत्म करने के लिए अलसी बराबर मात्रा में दालचीनी मिलाकर एक चम्मच भोजन बाद गर्म पानी के साथ सुबह-शाम इस्तेमाल करें ,
अलसी के तेल की मालिश अंडकोष पर करें और केशु के फूल को पानी में उबालकर शिकाई करें लंगोटा या स्पॉटर डालने से यह बीमारी बिना ऑपरेशन जड़ से खत्म हो जाती है |
कैंसर से परेशान व्यक्तियों जिनकी नष्ट कोशिकाएं एक जगह इकट्ठी हो के गाठ बनकर कैंसर का रूप धारण कर लेती हैं जो की शरीर की रोग -प्रतिरोध क्षमता प्रणाली की कमी के कारण होते हैं |
ऐसे रोगी जब एक चम्मच अलसी पाउडर भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ प्रयोग करते हैं तो अलसी कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोकता हैं कैंसर के खतरे से दूर रखता हैं |
रोग -प्रतिरोधक क्षमता की कमी को भी दूर करता हैं |
रोग -प्ररोतिरोधक क्षमता से परेशान व्यक्ति कभी -कभी बिमारी से परेशान रहते हैं |
क्योंकि हमारे शरीर की रोग से लड़ने की क्षमता प्रणाली के कमजोर हो जाने के कारण हो जाता हैं | ऐसे व्यक्ति जब अलसी का प्रयोग करते हैं तब उसकी रोग -प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली बढ़ जाती हैं |

मधुमेह

मधुमेह से परेशान रोगियों में दिन -प्रतिदिन शरीर में कमजोरी आती रहती हैं |
मधुमेह आँखों को ,गुर्दों को और नसों को कमजोर करता हैं | जिससे बचने के लिए रोगी इन्सुलिन की गोली और इन्जेक्शन का सहारा लेता हैं जो की थोड़े समय में वो भी काम करना बंद कर देता हैं | मधुमेह तब होता हैं जब अग्नाशय शरीर की ज़रूरत
अनुसार से कम इन्सुलिन बनाता हैं |ऐसे में अलसी का प्रयोग करने से शरीर में इन्सुलिन ठीक मात्रा में बनता हैं जिससे की मधुमेह के रोगी स्वस्थ रहते हैं |

वैरिकोज वेन्स

वेरिकोस वेन्स जोंध में ,पिंडलियों में ,पैरों के पंजो में ,नसों के वॉल्व खराब होने के कारण होता हैं| जिससे रोगी के पैरों में सुनापन ,सूजन दर्द रहता हैं जिससे की
व्यक्ति को जख्म तक हो जाता हैं | ऐसे रोगी जब खाने के बाद एक चम्मच अलसी पाउडर गर्म पानी के साथ लेते हैं और अलसी के तेल से मालिश करते हैं तो वेरिकोस की समस्या ख़त्म हो जाती हैं |

पाचन शक्ति में सुधार लाता है

अलसी पाचन शक्ति से परेशान व्यक्तियों को किया हुआ भोजन पच पाता नहीं है | गैस बन जाती है| पेट में भारीपन रहता है | पेट में दर्द होता है| डकारे आने लगती है | जैसे रोगी जब अलसी पाउडर जब गर्म पानी के साथ सुबह शाम एक चम्मच लेते हैं पाचन से संबंधित परेशानी ठीक हो जाती है|

कब्ज नाशक अलसी

कब्ज से परेशान रोगी को हफ्ते में एक से दो बार मल त्याग करने जाता है | जो कि आंतिरयौ में खुश्की सूखापन के कारण होता है, जब ऐसे रोगी अलसी का प्रयोग करते हैं तो अंतरियों की खुश्की खत्म हो जाती है और कब्ज की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है | |

आईबीएस इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम

आईबीएस संग्रहणी परेशान व्यक्तियों को 1 दिन में कई बार मल त्याग करने जाना पड़ता है यह बीमारी तब तक होती है जब हमारे अंतर्यू में संवेदनशीलता जाती है| इसको ठीक करने के लिए अलसी पाउडर एक चम्मच सुबह शाम एक कटोरी दही में मिलाकर प्रयोग करने से रोगी बिल्कुल ठीक हो जाता है|

बालों के लाभकारक अलसी

बालों को पूरा पोषण ना मिलने के कारण उनके वृद्धि रुक जाती है और बाल झड़ने लगता है बालों में संक्रमण के कारण रूसी हो जाती है वह सिर में खारिश होने लगती है ऐसे रोगी जब अलसी का पाउडर एक चम्मच सुबह शाम खाने में और अलसी का तेल बालों की जड़ों में मालिश करने में बिल्कुल ठीक हो जाता है|
शरीर में जब चर्बी की गांठ जगह-जगह हो जाती है तो शरीर की सुंदरता की खराब करती है जैसे में ऐसे में अलसी का प्रयोग करने से यह पूरी तरह के घर कर खत्म हो जाती है|

हाइड्रोसील में  लाभकारी अलसी

हाइड्रोसील में शरीर का पानी इकट्ठा हो जाने पर हाइड्रोसील का आकार बड़ा हो जाता है , जिससे रोगी को चलने फिरने उठने बैठने में दर्द होता है ऐसे रोगी जाओ अलसी पाउडर का एक चम्मच भोजन से पहले खाने से में प्रयोग करते हैं और अलसी तेल का अंडकोष पर मालिश करते हैं और गर्म रेत बालू सूती कपड़े में पोटली बनाकर से काय करते हैं|   लंगोट बांधते हैं तो उनकी यह बीमारी ठीक हो जाती है|

त्वचा के रोगों में लाभकारी अलसी

चेहरे पर मुंहासे पिंपल संवाद काले दाग शरीर में  सीमा शरीर में जगह जगह फोड़े फुंसी का निकलना जैसे रोगी जब अलसी का पाउडर खाने और अलसी का तेल लगाते हैं तो उनकी त्वचा से संबंधित सभी बीमारियां खत्म हो जाती है |

मूत्राघात में लाभकारी अलसी

मूत्राघात  से परेशान व्यक्ति को मूत्र नहीं आता है या गुर्दे मूत्र को नहीं बनाता है | ऐसे में अलसी और गोकर्ण के पाउडर को बराबर मात्रा में मिलाकर एक चम्मच सुबह शाम सेवन करने से बीमारी खत्म हो जाती है |
शरीर में जमा विषैले पदार्थ को मूत्र कल पसीने के रास्ते शरीर से बाहर निकलता है |
लकवा और अधरंग से परेशान रोगियों में जब चेहरा टेढ़ा हो जाता है या आधा अंग काम करना बंद कर देता है | ऐसे रोगी जब अलसी और दालचीनी का बना हुआ पाउडर एक चम्मच सुबह-शाम भोजन से पहले प्रयोग करने से इसकी बीमारी ठीक हो जाती है|

अलसी को खाने का सही तरीका

अलसी के बीजों का पाउडर बना के भोजन से पहले इस्तेमाल करना सबसे अच्छा तरीका हैं |

मात्रा

अलसी के बीजों का पाउडर एक चम्मच लगभग 5 ग्राम के करीब सुबह -शाम या दिन में 2 से 3 बार ले सकते हैं |
इसकी तासीर गर्म होती हैं |
अलसी के बीजों को साबुत नहीं खाना चाहियें ये पचते नहीं हैं इसलिए अलसी के बीजों को बारीक पीसकर पाउडर बना कर खाना चाहिए |

नुकसान -जिनके शरीर की तासीर गर्म होती हैं उन्हें अलसी का प्रयोग कम मात्रा में करना चाहिए |
गर्भवती महिलायें बच्चों को दूध पिलाती महिलाओं को अलसी का सेवन नहीं करना चाहिए |
ज्यादा मासिक धर्म की समस्या से परेशान महिलाओं को अलसी का सेवन नहीं करना चाहिए |

अस्वीकरण
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