Tuesday, May 5, 2020

वेरीकोसिल


वेरीकोसिल


वेरीकोसिल को वैरीकोसेल अंडकोष की सूजन या सिरा गुच्छा के नाम से भी जानते हैं |
अंडकोष की नसों की वाल्व का खराब होने पर जब खून का दौरा नीचे हो जाता है ऊपर नहीं जा पाता तो उसे वेरिकोसिल कहते हैं |
वेरीकोसिल से कई कारण से शुरू होती है| जो हमारी प्रजनन ग्रंथि में  पहुंचाती है | जब उनके अण्डकोष वाल्व खराब हो जाते हैं| या उनमें सूजन जाती है, या नशे पट जाती है, जिसके कारण नसों में ब्लॉकेज हो जाती है ,और खून का दौरा ऊपर की ओर नहीं जा पाता उसे वेरिकोसिल कहते है |
इस बीमारी में पुरुषों की संभोग की क्रिया प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है | पुरुषों के अंडकोष में शुक्राणु बनते रहते हैं मगर नसों के वाल्व के खराब होने के कारण वे आगे नहीं जा पाते है |
इसमें बतायेगे उपचार ग्रेड से फोर्थ ग्रेड के सभी लोग ही कर सकते हैं |

लक्षण


वेरीकोसिल के रोगी को देखने पर पता नहीं चलता कि इसे वेरीकोसिल है| जब उस रोगी को खड़ा करके अंडकोष को और नसों को दबाकर के चेक किया जाता है | तो पता चलता है कि इसे वेरिकोसिल है , या फिर उसका अंडकोष का अल्ट्रासाउंड करवा कर पता चलता है कि उसे वेरीकोसिल है|
इनमें निम्नलिखित लक्षण पाए जाते हैं
1 रोगी जब खड़ा रहता है, या उठता बैठता है ,या चलता फिरता है, तो उसे तेज से
अंडकोष मैं, दर्द होता है |
2
अंडकोष के ऊपर गांठ बन जाता है |
3
एक अंडकोष का बड़ा दूसरे का छोटा दिखना, ऐसी स्थिति में दोनों अंडकोष का आकार बराबर नहीं दिखता है | उनके नशों में सूजन होती है, जिसे छूने से दर्द होता है |
कुछ व्यक्ति को व्यायाम के बाद या व्यायाम के समय उछल कूद चलने फिरने में दर्द होता है|
कुछ व्यक्ति को आराम के अवस्था जब कोई शारीरिक काम नहीं कर रहे होते हैं तब अंडकोष में दर्द होता है |
कई व्यक्तियों को अंडकोष की थैली में नशे फूली हुई गुच्छे के रूप में बैठी हुई दिखाई देती है|

वेरीकोसिल क्यों होता है

अंडकोष में बहुत सी नसे होती है, कुछ नसों में खून का आदान-प्रदान प्रजनन ग्रंथि तक होता है | जिसके आवागमन का काम नसों का वाल्व करता है |
किसी कारण बस जब उस वालों में खराबी जाती है, या सूजन जाती है, तो खून की नसों की वाल्व खराब हो जाती है, तो खून का आवागमन रुक जाता है जिससे खून नीचे तो जाता है मगर वोल्वो के खराब होने के कारण हृदय तक वापस नहीं पहुंच पाता है |
इसी प्रकार जब शुक्राणु की नसों के वाल्व खराब हो जाते हैं| तो शुक्राणु का आवागमन रुक जाता है | जिससे अंडकोष में तो शुक्राणु बनते हैं| मगर आगे नसों के जरिए गमन नहीं कर पाते जिससे उस व्यक्ति में संभोग प्रजनन क्षमता खत्म हो जाती है |

कारण

1) नसों में बल्ब खराब होने के कारण वे वेरीकोसिल की बीमारी होती है|
2)
नसों और वॉल्बो में कमजोरी सूजन के कारण हुआ झटका लगने के कारण वेरिकोसिल की बीमारी होती है|
3)
लंगोटिया सपोर्टर के व्यायाम करनेउछाल कूद करने दौड़ने से नसों में खिंचाव  हो जाती है और यह बीमारी हो जाती है |
4)
कब्ज रहने के कारण, मल त्याग करते समय, जब रोगी जोर लगाता है | तो उसी की अंडकोष की नसों में पैरों की नसों में खिंचाव  या              सूजन  हो जाता है | जिससे वेरीकोसिल की बीमारी हो जाती है |मल, मूत्र का वेग रोकने के कारण नसों पर जोर पड़ता है | जिसके कारण            भीयह बीमारी हो जाती है |

घरेलू उपचार

कमर में तांगरी बांध है ( जिसे काला धागा बांधना भी कहते हैं दोनों पिंडलियों के बीच सूती धागा बांधे ) तीन गिलास पानी में आधा चम्मच सेंधा नमक डालकर गर्म करके उसे उतारकर हल्का सुसुम गर्म रहने पर सूती कपड़ा डालकर या रुई डाल कर पेरु
या अंडकोष की सगाई करें |
अलसी के तेल से पेरू और अंडकोष की नसों की मालिश करें | काम करते समय लंगोटा या सपोर्टर डालकर रखें |

आयुर्वेदिक उपचार

कमर में तांगरी बांधे, दोनों पिंडलियों के बीच में सूती धागा बांधे , केशु का फूल एक मुट्ठी लेकर लगभग 10 से 15 ग्राम उसे 3 गिलास पानी में लेकर 5 मिनट तक उबालें | नीचे उतारकर हल्का गर्म रहने पर उसे पेरू और अंडकोष की सिकाई करें |
अलसी के तेल की मालिश करें | पैरों और अंडकोष की नसों पर अच्छे से ताकि वह ठीक हो जाए | जिससे शुक्राणु और खून दौड़ना शुरू कर दे |
काम करते समय लंगोटा या सपोर्टर डालें|

खाने वाली औषधि

वृद्धिवाटिका वटी दो गोली सुबह दो गोली शाम को भोजन के बाद गर्म पानी
से इस्तेमाल करें |
अमलतास आदि सिरका दो से तीन चम्मच 1 कप गर्म पानी में डालकर भोजन के बाद प्रयोग |

नोट
इन तीन में से केवल एक उपचार करें जो आपको सही लगे हर दो महीने बाद अंडकोष का अल्ट्रासाउंड करवा कर देख ले कि कितना सुधार हुआ है |


परहेज


बिना लंगोटिया सपोर्टर बांधे उछल कूद व्यायाम भारी वजन
या दौड़ लगाना मना है|
उड़द की चने की दाल मना है | | मटर,
केला खाना मना है | साइकिल चलाना ,घोड़ा ऊंट ,की सवारी माना है |

फायदेमंद


गर्म पानी पीना , गर्म पानी से पेरू और अंडकोष की सिकाई करना है |
सरसों की तेल की मालिश करना
पपीता ,अमरूद खाना फायदेमंद होता है | सलाद , हरी साग सब्जी, खाना फायदेमंद होता है |



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