Tuesday, May 5, 2020

हृदय रोग (Heart Diseases)


Treatment Of Heart Diseases

हृदय रोग

आजकल दिल की बीमारियां बहुत होने लगी है | दिल की बीमारियों में कुछ लोगों को जन्म से पहले , मां के कोख में ही हो जाता है| कुछ व्यक्तियों को जन्म के बाद , कुछ व्यक्तियों को जवानी में और कुछ बढ़ती उम्र में और कुछ को पारिवारिक टेन्शन ,कुछ व्यक्तियों को गलत खान-पान और रहन-सहन के कारण हो जाती है |
महिलाओं की तुलना में पुरुष को या बीमारी ज्यादा होती है |

दिल के बीमारी के प्रकार

हृदय की धमनियों से ऑक्सीजन युक्त खून ह्रदय में नहीं पहुंच पाना हृदयाघात का कारण है |

हृदय विफलता

कोरोनरी धमनी की बीमारी , धड़कन का ज्यादा होना , धड़कन का कम होना

एथेरोसिलेरोसिस

हृदय में बल्ब रोग, दिल में छेद होना या बीमारी ज्यादातर मां के कोख में पल रहे बच्चों को हो जाता है |

रूमेटिक हार्ट डिजीज

बाहरी धमनियों की बीमारी , रक्त धमनियों की बीमारी दिल का कमजोर होना , दिल की मांसपेशियों का मोटा होना |

लक्षण

छाती में भारीपन दर्द होना , गला , गर्दन , पीठ हाथों में दर्द का बार बार होना | शरीर में थकावट का होना | कमजोरी रहना , सांस फूलना और दिल में जलन रहना | धड़कन का बढ़ना या किसी रोगी को धरकन का घटना , घबराहट या बेचैनी या मधुमेह का होना , माथे पर पसीना ज्यादा होना | दिमाग में हमेशा टेंशन रहना |

दिल में बीमारी के कारण

ज्यादा नामक खाना , बाजारों का खाना या चिकनाहट युक्त भोजन का इस्तेमाल करने से बीमारी हो जाता है |
हाई ब्लड प्रेशर ज्यादा रहना | किसी तरह का कोई व्यायाम ना करने के कारण , उम्र बढ़ने के कारण भी हृदय रोग की समस्या हो जाती है |
दिल की मांसपेशियों में प्रोटीन का बढ़ना या आईरन का बढ़ना या दिल की मांसपेशियों का मोटा हो जाना का कारण भी ह्रदय रोग हो जाता है |

रीयूमैट्रिक बुखार

धूम्रपान और शराब ज्यादा पीने के कारण दिल की धमनियां सिकुड़ जाती है | जिससे हृदय रोग हो जाता है | जन्मजात या पारिवारिक इतिहास जिसे वंशानुगत कहते हैं |
टेंशन ज्यादा रहने के कारण , चाय कॉफी ज्यादा सेवन के कारण बीमारी हो जाती है |
दवाइयों के साइडइफेक्ट होने के कारण , स्टेरॉयड का ज्यादा इस्तेमाल , डिप्रेशन के कारण या नींद लाने वाली दवाइयों के कारण हृदय रोग होता है |
दिल के वोल्वो का खराब होना या सिकुड़ना या फैलना या उससे आई सूजन के कारण दिल की बीमारी होती है |
दिल में बैक्टीरिया वायरस के संक्रमण के कारण हृदय रोग होता है | दिल की मांसपेशियों में अकरन या सूजन के कारण भी ज्यादातर रोगियों को दिल की धमनियों में कोलेस्ट्रोल के जमने से ब्लॉकेज हो जाती है |
ऑक्सीजन युक्त को निर्धारित ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है और ह्रदय रोग की शिकायत हो जाती है |
शुगर थायराइड की बीमारी के कारण भी हृदय रोग की बीमारी हो जाती है|

दिल की बीमारी से कैसे करें बचाव

धूम्रपान शराब ज्यादा नमक, ज्यादा चीनी, ज्यादा चिकनाहट युक्त खाने से बचें | ब्लड प्रेशर शुगर और थायराइड को कंट्रोल रखें मोटापा ना आने दे टेंशन कम रखें |
दिल की बीमारियों में फायदेमंद व्यायाम पैदल चलना योग जरूर करें |
फलों का रस , जूस , मौसम अनुसार फलों का रस जरूर सेवन करें|
भीगे हुए ड्राई फ्रूट जैसे अखरोट बादाम का सेवन जरूर करें |
भोजन के साथ सलाद का इस्तेमाल जरूर करें | भोजन में ज्यादातर हरी साग सब्जी का इस्तेमाल जरूर करें | खाली पेट लहसुन की कली जरूर खाएं | खाली पेट सेब खाना चाहिए | नींबू पानी का इस्तेमाल करें यह फायदेमंद होता है

घरेलू उपचार

लहसुन के चार कवियों का रस नींबू का रस एक चम्मच, सेब का रस 5 चम्मच ,सभी को एक जगह मिलाकर सुबह-शाम भोजन से एक घंटा पहले प्रयोग करें | इस बीच में कुछ खाए पिए नहीं |

आयुर्वेदिक उपचार

गजवान , अर्जुन की छाल , अलसी के बीज तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर पाउडर बना कर एक चम्मच सुबह-शाम भोजन से एक घंटा पहले इस्तेमाल करें | इस बीच में कुछ खाएं आप नहीं |
जो व्यक्ति पाउडर नहीं खा सकते हैं | इनका पाउडर लेकर एक कप पानी में डालकर उबालें जब पानी आधा कब बन जाए | उसे नीचे उतार कर ठंडा होने पर छानकर आवश्यकता अनुसार मीठा मिलाकर या वैसे ही सुबह शाम प्रयोग करें |

रेडीमेड औषधि

अर्जुनारिष्ट तीन से चार चम्मच आधा कप पानी में मिलाकर सुबह से शाम प्रयोग करें | सामान मात्रा में खमीरा , गौजबान एक चम्मच सुबह-शाम भोजन से एक घंटा पहले प्रयोग करें | इस बीच में कुछ खाए पिए नहीं |
अस्वीकरण
इस साइट पर उपलब्ध सभी जानकारी और लेख केवल सलाह के लिए है | जहां पर दी गई जानकारी का उपयोग स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार की हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं लेना चाहिए | चिकित्सा परीक्षण और उपचार के लिए हमेशा एक योग चिकित्सक की सलाह अवश्य लें



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