Tuesday, May 5, 2020

एसिडिटी अम्लपित्त, ACIDITY


ACIDITY : causes , prevention and treatment

एसिडिटी अम्लपित्त

पेट के अम्लीय पदार्थों का ग्रास नली खाने की नली में जाता है ! तब पेट या छाती सीने में जलन उत्पन्न होती है उसे एसिडिटी या हाइपर एसिडिटी के नाम से जाना जाता है !
अमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल पाया जाता है !जो भोजन के पाचन में मदद करता है और बाहरी बैक्टीरिया आदि से रोग उत्पन्न होने से हमें बचाता है और अमाशय की अंदरूनी परत में इस अमल के प्रति सहनशील होता है ! मगर हमारी आंखों की नली ग्रास नली को अंदरूनी परत इसके छाती सील होता है इसलिए जब वह उम्र हमारी खाने की नली में पहुंचता है तो खाने की नली में जलन उत्पन्न होता है !

लक्षण

ज्यादातर लोगों को सीने में जलन होती है भोजन के बाद ज्यादा हो जाती है और कुछ समय से लेकर घंटों तक रहती है और ऐसा लगता है कि जैसे जैसे चीज अंदर से कहां रह रही है !
कई लोगों को गले में जलन के साथ दर्द भी होता है! और पेट का अमल पदार्थ गले और मुंह तक जाता है जिससे जलन के साथ मुंह का स्वाद बिगड़ तीता बंद करवा होता है कई लोगों को बार बार डकार आती है वह डकारे साधारण खट्टी होती और मुंह का स्वाद कड़वा रहता है!
कई लोगों को पेट फूलना जीमर चलाने जा उल्टी आना पेट के ऊपरी भाग कलेजे में दर्द होना आदि लक्षण पाए जाते हैं !कई लोगों को लंबे समय तक अम्लीय पदार्थ गले में रहने से गले में खराश आवाज भारी होना गले में घर-घर आहट लगातार सूखी खांसी आना गले में दर्द ना किसी भी पदार्थ को गले में निगलने में कठिनाई दर्द होना वागले वह आमाशय में सूजन होने से ही हिचकी बार बार आना !
कई लोगों को पेट में एसिडिटी के कारण दांतों की जड़ है दांतो की परत खराब होने लगती है वह सांसो में बदबू आती है मल काले रंग का आता है वह मल के साथ खून आता है और बिना किसी कारण के शरीर का वजन घटने लगता है !
कई लोगों को एसिडिटी के कारण गले में घुटन जैसा महसूस होता है जिससे खुलता है आवाज बैठ जाता है बेचैनी घबराहट होता है माथे शरीर में पसीना आने लगता है और गले गर्दन बाद में दर्द रहता है !

कारण

ज्यादातर लोगों को तेज मिर्च मसाला खाने हुआ चटपटा खाने का तेल में तल फल जाने से अम्ल पित्त बनने लगते हैं और एसिडिटी हो जाता है क्योंकि इस तरह से भोजन देने से बचते नहीं और इस कारण से हम लिए तैयार हो जाता है !
मोटापा के कारण भी एसिडिटी तंग करती है !
ज्यादा धूम्रपान का नया शराब पीने के कारण भी एसिडिटी हो जाते हैं कुछ तरह की दवाइयों के प्रयोग जैसे कि अस्थमा दर्द नाशक एंटी डिप्रेशन आदि खाली पेट चाय कॉफी आजादा चाय कॉफी पीने के कारण भी एसिडिटी हो जाती है !
ज्यादा नमक या ज्यादा चीनी या ज्यादा खट्टी चीजों का प्रयोग से वीएसडी हो जाती है !
गर्भ वस्था के दौरान ज्यादा भोजन करने में पाचन अंगों पर दबाव डालने के कारण भी एसिडिटी हो जाती है इसलिए गर्भवती महिलाओं को कहा जाता है कि आप जो भोजन 1 घंटे के अंदर कर लें !
जरा से ज्यादा भोजन करने भारी भोजन करने या फाइबर युक्त आहार की कमी के कारण भी भोजन करने के बाद तुरंत बैठना या सोने के कारण या दिनभर में शारीरिक व्यायाम करने के कारण एसिडिटी हो जाती है!

घरेलू उपचार

भोजन करने के बाद सॉन्ग गोर चौहान ने या खाली सौंफ चबाने में अम्ल पित्त नहीं बनता है!
सौंफ30 ग्राम और सूट 30 ग्राम को पीसकर पाउडर बना कर चाय पत्ती के चम्मच में एक आधा चम्मच से एक बटा दो चम्मच सुबह-शाम भोजन करने के 1 घंटे बाद प्रयोग करें अंकित नहीं बनता है!

पाउडर

जिलों को पाउडर पर खाने में तकलीफ होती है वह लोग इस बने हुए पाउडर में से एक चम्मच पाउडर निकाल कर एक कप पानी में डालकर उबालें जब उबालकर पानी आधा कपड़ा जाए तो नीचे उतार हल्का गुनगुना रहने पर उसे छान लें उसे स्वादानुसार सेंधा नमक किया धागे वाली मिश्री शहद देसी खान गुर इनमें से कोई एक ही चीज डालें और स्वाद अनुसार जो आपको पसंद नमकीन या मिठाई लेकर प्रयोग करें !

आयुर्वेद उपचार

गिलो या 50 ग्राम भृंगराज 50 ग्राम मोहनी 50 ग्राम इन सभी को दुकान से लाकर अलग-अलग पीसकर पाउडर बना कर छानकर एक जगह सभी को गीला कर किसी ढक्कन के वाले डब्बे में बंद करके रखे आजा प्रयोग करना हो एक बटा चार चम्मच लें
आरा से एक चम्मच सुबह-शाम भोजन करने से 30 मिनट पहले पानी के साथ प्रयोग करें अमृत नहीं बनता!
मुलेठी कोचिंग की तरह भोजन के बाद जमाने से भी अंकित एसिडिटी नहीं बनता !

रेडीमेड उपचार

अम्ल पित्त हरण पाउडर या अविपत्तिकर चूर्ण एक बटा दो चम्मच एक चम्मच और भोजन करके 30 मिनट पहले पानी के साथ सुबह-शाम प्रयोग करें!
जो लोग गोली खाना पसंद करते हैं उन्हें लिए सुतशेखर रस या कामदुधा रस एक से दो गोली सुबह शाम भोजन करने से 30 मिनट पहले पानी से प्रयोग करें!

फायदेमंद

ज्यादा से ज्यादा मीठे फलों का हरी साग सब्जी जो मौसम के प्रयोग सलाह ले एक बार खाने के बाद थोड़ा भोजन कई बार खाएं पानी पूरे दिन 2 से 3 लीटर प्रयोग करें!
पानी भोजन के बीच में प्रयोग मत करें या तो भोजन से 30 मिनट पहले या भोजन के 1 घंटे बाद पानी पिए
शरीर में टाइट कपड़े या बेल्ट नहीं डालें कद के अनुसार अपना वजन बढ़ाए रखें !
रात में सोने से एक-दो घंटे पहले भोजन कर लें भोजन करने के पश्चात 5 से 15 मिनट तक पैदल जरूर चलना भोजन जाकर करें पूरे दिन में रोजाना 1 से आधा घंटा व्यायाम जरूर करें
भोजन करने के बाद मुलेठी धोकर चलाएं इन लोगों को दांत नहीं है उस एनी का पाउडर रूप में इस्तेमाल करें सोते समय सिर के नीचे तकिया रखे हैं रात के समय दलिया खाना पसंद है!
भोजन जैतून के तेल या सूरजमुखी के तेल तेल में बनते हैं 1 से 2 पीस के लाया अनार नारियल पानी से फायदेमंद है!

परहेज

सूखे मीठे बादाम काजू मूंगफली अखरोट चीनी ज्यादा नमक
तेल मसाले जैसे हरी काली मिर्च सिरका सेव अचार दालचीनी घी मक्खन मलाई पनीर खाएं
शराब धूम्रपान धोया वाली जगह पर खड़े नहीं होना चाहिए
चाय कॉफ़ी चॉकलेट नींबू संतरे खट्टे फल पराठा बाजारू तेल सरस्वती पकौड़ा या ज्यादा तला हुआ खाना ना लें

पानी कम पीना मना है, चाय कॉफ़ी चॉकलेट नींबू संतरे खट्टे फल पराठा बाजारू तेल  पकौड़ा या ज्यादा तला हुआ खाना ना लें


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