wheat allergy
symptoms and cure
व्हीट एलर्जी क्या है
गेह व गेहूं से बने पदार्थ खाने से कुछ लोगों को एलर्जी होती है | जिसे व्हीट एलर्जी कहते हैं |कुछ लोगों को पीलीएक रोग के कारण गेहूं नहीं पचता है| कुछ लोगों को ब्लूटीम सेंसटिविटी होने के कारण गेहूं या गेहूं से बने पदार्थ नहीं
पचता हैं |ज्यादातर गेहूं से एलर्जी 15 साल से छोटे बच्चे में होते हैं कुछ ही मात्रा में
बरे लोगों को यह बीमारी होती है|
लक्षण
पेट में पाए जाने वाले लक्षण
कुछ लोगों को बार-बार गेहूं या गेहूं के पदार्थ खाने से पेट में दर्द होना , पेट का फूल जाना ,बार बार दस्त लगना, जी मिचलाना, उल्टी का आना, आदि लक्षण पाए जाते हैं| कई रोगी में इनके लक्षणों के साथ साथ बुखार भी पाया जाता है|
कुछ लोगों को बार-बार गेहूं या गेहूं के पदार्थ खाने से पेट में दर्द होना , पेट का फूल जाना ,बार बार दस्त लगना, जी मिचलाना, उल्टी का आना, आदि लक्षण पाए जाते हैं| कई रोगी में इनके लक्षणों के साथ साथ बुखार भी पाया जाता है|
स्वास्थ संबंधी बीमारियां
कई रोगियों को गेहूं और गेहूं से बने पदार्थ का इस्तेमाल करने से जुकाम, खांसी, छींक आना एलर्जी छाती में घबराहट, सांस लेने में तकलीफ , गले में सूजन इन्फेक्शन का हो जाना | बराबर उन लक्षणों के साथ बुखार भी पाया जाता है|
गेहूं के एलर्जी का असर त्वचा पर
कई लोगों पर गेहूं का गेहूं के त्वचा पर एलर्जी हो जाता है |जैसे शरीर में खारिश होना,
चकता, दाद ,शरीर का लाल चकता हो लाल निशान , एलर्जी व त्वचा पर सूजन होना|
चकता, दाद ,शरीर का लाल चकता हो लाल निशान , एलर्जी व त्वचा पर सूजन होना|
शरीर के नसों का तंत्रिका तंत्र पर गेहूं से होने वाले लक्षण
बार-बार शरीर में दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट, बेचैनी का होना, बेहोश होना, मिर्गी के दौरे का परना, शरीर में कंपन होना आदि लक्षण पाए जाते हैं|
गेहूं से एलर्जी क्यों होती है
यह बीमारी हमारी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने पर ग्रसित करता है| रोग फैलने वाले बैक्टीरिया वायरस या बाहरी या अंदरूनी जहरीली पदार्थों से हमारे शरीर को रक्षा करना और हमारे शरीर को स्वस्थ रखना रोग प्रतिरक्षा प्रणाली का काम है | जो कम हो जाता है जिसके कारण बीमारी हो जाती है |
रोग प्रतिरक्षा प्रणाली गेहूं और गेहूं से बने पदार्थों को जब हम खाते हैं| या वह हमारे शरीर में संपर्क में आते हैं| तो हमारी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली उसे बैक्टीरिया वायरस वजह रिले पदार्थों और रोगाणु उत्पन्न करने वाला समझ लेते हैं |तो उन पर हमला कर देते हैं| जिससे हमें गेहूं और गेहूं से बने पदार्थ खाने से शरीर में रिएक्शन होने लगता है| ज्यादातर लोगों को ब्लू विन वह एल्बुमिन के कारण गेहूं के एलर्जी की शिकायत होती है|
कारण
हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली में जब यह कमी होती है तो या बीमारी होती है |
पारिवारिक के इतिहास यदि आपके माता-पिता को किसी भी तरह की एलर्जी है| जैसे कि गेहूं या फिर से बने पदार्थ शरीर में एलर्जी पाई जाती है |जैसे
चेहरे की एलर्जी ,त्वचा की एलर्जी ,आपको गेहूं या गेहूं से बने पदार्थ की शिकायत हो जाती है|
पारिवारिक के इतिहास यदि आपके माता-पिता को किसी भी तरह की एलर्जी है| जैसे कि गेहूं या फिर से बने पदार्थ शरीर में एलर्जी पाई जाती है |जैसे
चेहरे की एलर्जी ,त्वचा की एलर्जी ,आपको गेहूं या गेहूं से बने पदार्थ की शिकायत हो जाती है|
उम्र
ज्यादातर गेहूं से होने वाले एलर्जी 18 साल से कम उम्र वाले बच्चों को होती है |क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली कमजोर होती है |इस बीमारी को ठीक होने में समय लगता है 6 महीने से 3 साल तक मगर वह बीमारी ठीक हो जाता है|
घरेलू उपचार
गेहूं से बने पदार्थ को छोड़कर आप सभी पदार्थ का इस्तेमाल कर सकते हैं|
जो मक्का ,मकई ,रवि, मरवा,चावल, बाजरा ,साबूदाना, यह सभी पांच-पांच किलो मिलाकर पीसकर आटा बना ले फिर उसे रोटी अपनी भूख के अनुसार खाएं आप स्वस्थ रहेंगे|
इसके साथ-साथ ईसबगोल का छिलका पानी में भिगोकर दही के साथ या अनार के रस के साथ भोजन के बाद प्रयोग करें यह जड़ से खत्म कर देगा|
जो मक्का ,मकई ,रवि, मरवा,चावल, बाजरा ,साबूदाना, यह सभी पांच-पांच किलो मिलाकर पीसकर आटा बना ले फिर उसे रोटी अपनी भूख के अनुसार खाएं आप स्वस्थ रहेंगे|
इसके साथ-साथ ईसबगोल का छिलका पानी में भिगोकर दही के साथ या अनार के रस के साथ भोजन के बाद प्रयोग करें यह जड़ से खत्म कर देगा|
आयुर्वेद उपचार
गोंद कतीरा 50 ग्राम, सुखी गिलोय 50 ग्राम, हावड़ा सूखा 50 ग्राम, बेलगिरी 50 ग्राम, इन सभी को लेके पाउडर बनाकर रख लें दिन में दो या तीन बार प्रयोग करें गेहूं की एलर्जी जड़ से खत्म हो जाएगी |
जो लोग पाउडर नहीं खा सकते हुए एक
चम्मच पाउडर को एक कप पानी में डालकर उबालें फिर आधा कब जब बन जाए तो नीचे उतारकर उसे छान लें! जरूरत अनुसार मीठा मिलाकर उसे खाएं! जैसे कि
गुड,
देसी खांड लिया ,मिश्री मिलाकर भोजन के बाद दिन में दो-तीन बार प्रयोग कर सकते हैं|
चम्मच पाउडर को एक कप पानी में डालकर उबालें फिर आधा कब जब बन जाए तो नीचे उतारकर उसे छान लें! जरूरत अनुसार मीठा मिलाकर उसे खाएं! जैसे कि
गुड,
देसी खांड लिया ,मिश्री मिलाकर भोजन के बाद दिन में दो-तीन बार प्रयोग कर सकते हैं|
रेडीमेड उपचार
ईसबगोल दाना एक चम्मच सुबह शाम दोपहर गर्म पानी के साथ प्रयोग कर भोजन के बाद प्रयोग करें|
नोट इन तीनों अचार में केवल एक ही उपचार का प्रयोग करें|
परहेज
गेहूं या गेहूं से बने पदार्थ का इस्तेमाल ना करें |जैसे कि 1) केक
2) ब्रेड
3) बिस्किट
4)टेस्टी चॉकलेट
5) बीयर
6) कॉफी
7)दूध
8)कोल्ड ड्रिंक्स और आइसक्रीम का कोन का इस्तेमाल नहीं करें|
2) ब्रेड
3) बिस्किट
4)टेस्टी चॉकलेट
5) बीयर
6) कॉफी
7)दूध
8)कोल्ड ड्रिंक्स और आइसक्रीम का कोन का इस्तेमाल नहीं करें|
फायदेमंद
1) अनार
2)बेलगिरी
3)बदाम अखरोट का मेव
4) सलाद
4)हरी साग सब्जी मेवा अनुसार कर अपने जूस इसके लिए फायदेमंद होता है
2)बेलगिरी
3)बदाम अखरोट का मेव
4) सलाद
4)हरी साग सब्जी मेवा अनुसार कर अपने जूस इसके लिए फायदेमंद होता है
अस्वीकरण
इस साइट पर उपलब्ध सभी जानकारी और
लेख केवल सलाह के लिए है !यहां पर दी गई जानकारी का उपयोग स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं लेना चाहिए!
लेख केवल सलाह के लिए है !यहां पर दी गई जानकारी का उपयोग स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं लेना चाहिए!
I found this blog informative or very useful for me. I suggest everyone, once you should go through this.
ReplyDeleteAllergy